The Shodashi Diaries

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दिव्यौघैर्मनुजौघ-सिद्ध-निवहैः सारूप्य-मुक्तिं गतैः ।

बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।

The Shreechakra Yantra encourages the advantages of this Mantra. It's not Obligatory to meditate before this Yantra, but if You should buy and utilize it for the duration of meditation, it's going to give incredible Positive aspects for you. 

हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना

When Lord Shiva read with regards to the demise of his spouse, he couldn’t control his anger, and he beheaded Sati’s father. However, when his anger was assuaged, he revived Daksha’s everyday living and bestowed him by using a goat’s head.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् click here

कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।

श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।

देव्यास्त्वखण्डरूपायाः स्तवनं तव तद्यतः ॥१३॥

The noose symbolizes attachments, While the goad signifies contempt, the sugarcane bow displays dreams, along with the flowery arrows symbolize the 5 perception organs.

Outside of curiosity why her father did not invite her, Sati went to the ceremony While God Shiva experimented with warning her.

स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।

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